अहमदाबाद प्लेन हादसा: 12 जून 2025 एक दर्दनाक त्रासदी

तारीख व समय: 12 जून 2025 को दोपहर लगभग 1:38 बजे (IST)

एयर इंडिया की फ्लाइट AI‑171, बोइंग 787‑8 ड्रीमलाइनर (टेल नंबर VT‑ANB), अहमदाबाद से अंग्रेजी गैटविक के लिए जा रही थी, प्रवासियों व चालक दल: 230 यात्री + 12 सदस्य। 230 यात्री (169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई) एवं 12 क्रू सदस्य कुल 242

अहमदाबाद, जो कि गुजरात का एक प्रमुख शहर है, हाल ही में एक दर्दनाक हादसे का गवाह बना। तकनीकी खराबी के कारण क्रैश लैंडिंग कर दी, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। 12 जून 2025 का यह हादसा भारत और दुनिया दोनों के लिए एक काला दिन था—इतिहास में यह बोइंग 787 का पहला जानलेवा दुर्घटना था। 241 यात्रियों और 38 मसूली नागरिकों की मृत्यु ने कई परिवारों को नष्ट कर दिया। संरक्षण, जांच और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने की दिशा में यह घटना एक कड़ा संदेश है।

क्या हुआ था हादसे में?

विमान टेकऑफ के 17 सेकंड बाद 625 फीट की ऊँचाई पर अचानक नीचे गिरा और एयरपोर्ट की सुरक्षा दीवार पार करते ही वह B.J. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से जा टकराया  जिससे वहाँ भगदड़ मच गई और काले धुएँ का गुबार उठ गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह विमान नियमित उड़ान पर था, लेकिन उड़ान भरते ही उसमें तकनीकी दिक्कतें सामने आईं। पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए आपातकालीन लैंडिंग की कोशिश की, लेकिन हादसे का शिकार हो गई

हताहतों की जानकारी:

प्राथमिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान में मौजूद यात्रियों और क्रू मेंबर्स 241 चालक दल सदस्य मारे गए, हॉस्टल में कम‑से‑कम 38 की मौत और 60+ घायल Hai, एक यात्री, सीट संख्या 11A पर था, जो चमत्कारिक रूप से बच गया और अस्पताल में है|

शुरुआती तकनीकी विश्लेषण

CCTV फुटेज से पता चलता है कि विमान टेकऑफ़ के 17 सेकंड बाद झुकने लगा और लैंडिंग गियर खुला ही रहा—कोई जलने या तनाव का संकेत नहीं था। प्रारंभिक जांच MCAS सिस्टम पर भी सवाल उठा रही है, हालांकि पूरी तस्वीर अभी स्पष्ट नहीं है।

डॉक्टरों की जिंदगियाँ: बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में कई प्रशिक्षु डॉक्टर, जैसे आर्यन राजपूत, राकेश, व कैजल, आदि, मर गए; कुछ छात्र जैसे Drijesh Mor व Dr Vaishali Lalwani ने जीवन रक्षा की|

कष्टदायी कहानियाँ: जावेद अली सय्यद की परिवार (पत्नी व दो बच्चे) हादसे में मारे गए;, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी घटना में मृत पाए गए, अरुण पटोलिया समेत कई नागरिक भी हादसे में मारे गए ।

तकनीकी प्राथमिक निष्कर्ष :प्रारंभिक रूप से कनफिगरेशन एरर—विशेषतः फ्लैप और थ्रस्ट सेटिंग्स की चूक, और गर्म मौसम के चलते कम थ्रस्ट—इस त्रासदी का मुख्य कारण मानी जा रही है,ब्लैक बॉक्स बरामद, भारत और अमेरिका की एजेंसिया जांच में जुटी हैं जांच और प्रतिक्रिया केंद्रीय समिति गठित की गई, जिसमें DGCA, AAIB, FAA व NTSB जैसी एजेंसियाँ शामिल हैं बोइंग व GE Aerospace भी अपनी तरफ़ से समर्थन दे रहे हैं, यह पहला फैटली हादसा ड्रीमलाइनर 787 का, जिसे अब तक दुर्घटना‑मुक्त उड़ान मॉडेल माना जाता था |

💔 कहानियाँ जो दिल झकझोर देती हैं

    • डाक्टरों का हॉस्टल ढह गया: बी.जे. मेडिकल कॉलेज के कुछ युवा चिकित्सक मौजूदा थे; उनमें से कुछ बच गए—जैसे MBBS छात्र ड्रीजेश मोर और MD छात्रा वैष्णवी लालवानी—लेकिन कई की जान गई।

    • ब्रिटिश व भारतीय परिवारों की टूटी दुनिया: पन्ना नगर, फियनगल–जेमी ग्रीनलॉ–मीक जैसे सामाजिक कार्यकर्ता मारे गए। पूर्व गुजरात CM विजय रूपाणी, जावेद अली सैयद और परिवार समेत दर्जनों प्रतिष्ठित लोग अमर हो गए।

               अधिकांश शव जलकर और विकृत हो गए थे, जिससे DNA और दंत-प्रमाण द्वारा पहचान की प्रक्रिया शुरू हुई, जो डाटा के अनुसार                           90 घंटों तक लग सकती है ।

  • अर्जुन पटोलिया की कहानी: लंदन निवासी अर्जुन, जो पत्नी के अंत्येष्टि संस्कार से लौट रहे थे, भी हादसे में मारे गए—पीछे उनकी दो नाजुक उम्र की बेटियाँ रह गईं।

जनसुरक्षा और तकनीकी सख्ती की ज़रूरत:

इस हादसे ने एक बार फिर से विमानन सुरक्षा और तकनीकी जांच की मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नागरिकों की जान की सुरक्षा सबसे पहले होनी चाहिए, और ऐसे हादसों से सबक लेकर भविष्य में सख्त कदम उठाने होंगे।

🙏 सरकारी और एयरलाइंस की पहल :

Air India/Tata Group ने मृतकों के परिवारों को ₹1 करोड़ + ₹25 लाख अतिरिक्त मुआवज़ा देने की घोषणा की है, साथ ही हर परिवार को काउंसलिंग समेत तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जा रही है

प्रधानमंत्री मोदी ने साइट का दौरा किया और प्रभावितों से मिले; गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री भी लगातार निगरानी कर रहे हैं

  • AAP नेता अतीशी ने प्रभावितों से मुलाकात की और जांच पूरी हो जाने तक अफवाहों से बचने की अपील की

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