
उत्तराखंड, जिसे “देवभूमि” के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। इस बार, उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की एक भयावह घटना ने तबाही मचाई है, जिसमें 9 मजदूरों के लापता होने की खबर है। यह घटना राज्य में चल रही भारी बारिश के बीच हुई है, जिसने पहले से ही जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है।
उत्तराखंड के घटना का विवरण
उत्तराखंड में यह दुखद घटना रविवार, 29 जून 2025 की तड़के सुबह उत्तरकाशी जिले के बड़कोट क्षेत्र में पालीगाड़ और ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास हुई। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित इस इलाके में एक निर्माणाधीन होटल साइट पर काम करने वाले मजदूर अपने टेंटों में ठहरे हुए थे। बताया जा रहा है कि लगातार दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद, देर रात लगभग 1:00 बजे से 3:00 बजे के बीच बादल फट गया।
बादल फटने से अचानक भारी सैलाब आ गया, जिसने निर्माणाधीन होटल और मजदूरों के टेंटों को बहा दिया। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य के अनुसार, घटना के समय साइट पर लगभग 19 मजदूर मौजूद थे, जिनमें से 10 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हालांकि, 8-9 मजदूर अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनके मलबे या सैलाब में बह जाने की आशंका है। ये सभी लापता मजदूर नेपाली मूल के बताए जा रहे हैं।
उत्तराखंड मौसम विभाग IMD: उत्तराखंड IMD
उत्तराखंड में बचाव अभियान और राजमार्ग की स्थिति
घटना की सूचना मिलते ही, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और पुलिस की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं और लापता मजदूरों की तलाश के लिए बचाव अभियान शुरू किया। खराब मौसम और चुनौतीपूर्ण भूभाग के कारण बचाव कार्यों में बाधा आ रही है।
बादल फटने के कारण यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर बंद हो गया है, जिसमें सिलाई बैंड क्षेत्र प्रमुख है। सड़क पर मलबा और पत्थर गिरने से यातायात बाधित हो गया है। इसके अतिरिक्त, यमुना नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे स्यानाचट्टी में कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल को भी खतरा है।
उत्तराखंड व्यापक प्रभाव और अलर्ट
इस घटना ने उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश से होने वाले नुकसान को एक बार फिर उजागर किया है। कुथनौर गांव में भी अत्यधिक बारिश और संभावित बादल फटने के कारण स्थानीय ग्रामीणों की कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है और खेत मलबे से भर गए हैं। हालांकि, कुथनौर में फिलहाल किसी प्रकार की कोई जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है।
राज्य प्रशासन ने चारधाम यात्रा को भी 24 घंटे के लिए अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है और तीर्थयात्रियों को ऋषिकेश और अन्य सुरक्षित स्थानों पर रोकने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौसम विभाग द्वारा अगले 24 घंटों में राज्य के पहाड़ी और कुछ मैदानी इलाकों में भारी बारिश की संभावना के मद्देनजर लोगों से सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया है।
यह दुखद घटना हमें प्रकृति की शक्ति और उसकी चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तैयारी की आवश्यकता की याद दिलाती है। आशा है कि लापता मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित खोज लिया जाएगा।
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