चिकन

एक इंसान अपने जीवन में कितने चिकन / मुर्गे खा जाता है? यदि हम औसत आयु 80 वर्ष मानें

आज के दौर में मांसाहारी भोजन का सेवन बढ़ता जा रहा है, खासकर चिकन का। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक औसत व्यक्ति अपने पूरे जीवन में कितने मुर्गों का सेवन करता है? यह सवाल न सिर्फ पर्यावरण, स्वास्थ्य और पशु कल्याण से जुड़ा है, बल्कि यह हमें हमारी खाद्य आदतों पर भी सोचने को मजबूर करता है। इस लेख में हम विभिन्न शोधों और आंकड़ों के आधार पर इसकी गणना करेंगे, विशेष रूप से भारत के संदर्भ में, और प्रमाण के साथ तथ्य प्रस्तुत करेंगे।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य: दुनिया भर में मुर्गे का सेवन

दुनिया भर में हर साल लगभग 70 अरब मुर्गे मांस के लिए काटे जाते हैं। 8 अरब की वैश्विक जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए, यह औसतन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग 8.75 मुर्गे बनता है। यदि हम औसत आयु 80 वर्ष मानें, तो एक व्यक्ति अपने जीवन में करीब 700 मुर्गे खा सकता है। यह आंकड़ा संयुक्त राष्ट्र और विश्व आर्थिक मंच के डेटा पर आधारित है, जो बताता है कि मुर्गा सबसे अधिक खाया जाने वाला मांस है।

अमेरिका में स्थिति: उच्च सेवन दर

अमेरिका जैसे विकसित देशों में मुर्गे का सेवन काफी अधिक है। एक औसत मांसाहारी व्यक्ति अपने जीवन में लगभग 2,400 मुर्गे खाता है। यह गणना पशु अधिकार संगठन पीईटीए (PETA) के वेजिटेरियन कैलकुलेटर पर आधारित है, जो यूएसडीए (अमेरिकी कृषि विभाग) के आंकड़ों से ली गई है। 2011 के यूनाइटेड पोल्ट्री कंसर्न्स (UPC) के शोध के अनुसार, प्रति वर्ष 24 मुर्गे मांस के लिए खाए जाते हैं, और 78 वर्ष की औसत आयु मानकर कुल 1,887 मुर्गे (मांस के लिए) बनते हैं। ईग्स के लिए अतिरिक्त 115 मुर्गे जुड़ने पर कुल 2,002 हो जाते हैं, लेकिन यहां हम केवल मांस पर फोकस कर रहे हैं।

भारत में वास्तविकता: कम लेकिन बढ़ता हुआ सेवन

भारत में स्थिति अलग है, जहां शाकाहारी आबादी अधिक होने के कारण मांस का सेवन कुल मिलाकर कम है। 2022 में प्रति व्यक्ति चिकन मांस का सेवन औसतन 3.49 किलोग्राम था। हाल के वर्षों में यह 2.63 किलोग्राम (2021) से बढ़कर 3.1 किलोग्राम प्रति वर्ष हो गया है। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय (MAFW) के अनुसार, यह आंकड़ा ग्रामीण क्षेत्रों में 178 ग्राम और शहरी क्षेत्रों में 239 ग्राम प्रति 30 दिनों का है, जो सालाना लगभग 3.35 किलोग्राम बनता है।

अब सवाल यह है कि 3 किलोग्राम मांस से कितने मुर्गे? भारत में औसत ब्रॉयलर मुर्गे का वजन 1.8 से 2.2 किलोग्राम होता है, जिससे ड्रेस्ड मांस (खाने योग्य भाग) लगभग 1.5 किलोग्राम निकलता है। इस आधार पर, प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष लगभग 2 मुर्गे खाए जाते हैं। भारत की औसत आयु 70 वर्ष मानें (बचपन में कम सेवन को समायोजित करते हुए), तो कुल जीवन में एक व्यक्ति औसतन 140 मुर्गे खा जाता है।

क्षेत्रप्रति वर्ष मुर्गेऔसत आयुजीवनकाल में कुल मुर्गे
वैश्विक8.7580700
अमेरिका24782,400
भारत270140

निष्कर्ष: सोचने का समय

ये आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में मुर्गे का सेवन वैश्विक या अमेरिकी औसत से काफी कम है, लेकिन बढ़ती शहरीकरण और आय के साथ यह दर तेजी से बढ़ रही है। पर्यावरण पर असर (जलवायु परिवर्तन) और पशु कल्याण को ध्यान में रखते हुए, संतुलित आहार की आवश्यकता है। यदि आप मांसाहारी हैं, तो कभी-कभी शाकाहारी विकल्प चुनकर लाखों मुर्गों को बचा सकते हैं। यह शोध USDA, FAO, Statista और भारतीय सरकार के आंकड़ों पर आधारित है। अधिक जानकारी के लिए स्रोतों का अध्ययन करें।

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