नमस्ते दोस्तों! आपने शायद हाल ही में ऐसी खबरें सुनी होंगी कि टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी गूगल (Google) अपने कुछ कर्मचारियों को ‘खरीद’ रहा है या उन्हें नौकरी छोड़ने के लिए पैसे दे रहा है। यह सुनकर थोड़ा अजीब लग सकता है, है ना? आइए, आज हम इसी बात को आसान शब्दों (simple words) में समझते हैं कि आखिर गूगल ऐसा क्यों कर रहा है।
‘खरीदने’ का क्या मतलब है? (What does ‘buying out’ mean?)
जब हम कहते हैं कि गूगल कर्मचारियों को ‘खरीद रहा है’, तो इसका यह मतलब नहीं है कि वह उन्हें किसी सामान की तरह खरीद रहा है। असल में, गूगल एक ‘स्वैच्छिक निकास कार्यक्रम’ (Voluntary Exit Program – VEP) चला रहा है। इसका मतलब है कि कंपनी अपने कुछ कर्मचारियों को खुद से नौकरी छोड़ने का ऑफर (offer) देती है। इसके बदले में, उन्हें एक अच्छा-खासा मुआवजा पैकेज (severance package) दिया जाता है, जिसमें कई हफ्तों या महीनों की सैलरी और अन्य फायदे शामिल हो सकते हैं।
कुछ खास मामलों में, जैसा कि AI रिसर्चर्स के साथ देखा गया है, कंपनी उन्हें प्रतिद्वंद्वी कंपनी में काम न करने के लिए भी पैसे देती है। इसे नॉन-कंपीट एग्रीमेंट (non-compete agreement) कहते हैं।
गूगल ऐसा क्यों कर रहा है? (Why is Google doing this?)
इसके पीछे कई मुख्य कारण (main reasons) हैं:
- AI पर बढ़ता फोकस (Increased Focus on AI): गूगल आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence – AI) पर बहुत ज्यादा निवेश (investment) कर रहा है। कंपनी अपनी AI क्षमताओं को मजबूत करना चाहती है। इसके लिए, उन्हें रिसोर्सेज (resources) और टैलेंट (talent) को AI से जुड़े कामों में लगाना है। इसलिए, कुछ पुरानी या कम जरूरी मानी जाने वाली भूमिकाओं (roles) को खत्म किया जा रहा है या उनकी जरूरत कम हो गई है।
- लागत कम करना (Cost-cutting): पिछले कुछ सालों से, गूगल और अन्य बड़ी टेक कंपनियों ने बहुत तेजी से कर्मचारियों को हायर (hire) किया था। अब वे अपने खर्चों (expenses) को कम करना चाहते हैं। कर्मचारियों की संख्या (headcount) कम करना लागत कम करने (cost-cutting) का एक तरीका है। यह VEP इसी रणनीति (strategy) का हिस्सा है।
- पुनर्गठन और प्राथमिकताएं बदलना (Restructuring and Shifting Priorities): गूगल अपने कई विभागों (departments) जैसे सर्च (Search), एड्स (Ads), सेंट्रल इंजीनियरिंग (Central Engineering), मार्केटिंग (Marketing) और कम्युनिकेशंस (Communications) में बदलाव (restructuring) कर रहा है। इस पुनर्गठन के दौरान कुछ भूमिकाएं (roles) अब कंपनी की नई प्राथमिकताओं (priorities) के साथ मेल नहीं खातीं। इसलिए, जिन कर्मचारियों की भूमिकाएं अब जरूरी नहीं हैं या जो नई दिशा से तालमेल (alignment) नहीं बिठा पा रहे, उन्हें खुद से जाने का मौका दिया जा रहा है।
- परफॉरमेंस और एलाइनमेंट (Performance and Alignment): कंपनी उन कर्मचारियों को भी यह ऑफर दे रही है जो अपने काम (work) को लेकर उत्साहित नहीं हैं, या जिन्हें अपनी भूमिका की मांगों (demands) को पूरा करने में मुश्किल आ रही है। यह एक तरह से कंपनी को अधिक कुशल (efficient) और फोकस्ड (focused) बनाने का तरीका है।
- रिमोट वर्क पॉलिसी में बदलाव (Changes in Remote Work Policy): गूगल अब रिमोट काम (remote work) करने वाले कुछ कर्मचारियों को ऑफिस वापस (return to office) आने के लिए कह रहा है, खासकर अगर वे ऑफिस के 50 मील के दायरे में रहते हैं। जो कर्मचारी इस नई हाइब्रिड पॉलिसी (hybrid policy) का पालन नहीं कर पा रहे हैं, उनके लिए भी VEP एक विकल्प हो सकता है।
कर्मचारियों पर इसका क्या असर होता है? (What’s the impact on employees?)
यह उन कर्मचारियों के लिए एक मुश्किल समय (challenging time) हो सकता है, लेकिन VEP उन लोगों को एक सम्मानजनक रास्ता (respectful exit path) देता है जो कंपनी छोड़ना चाहते हैं। उन्हें एक आर्थिक सुरक्षा (financial cushion) मिलती है ताकि वे नई नौकरी ढूंढ सकें या अपने करियर में अगला कदम उठा सकें।
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अंतिम बात (Final Thought)
गूगल द्वारा कर्मचारियों को ‘खरीदने’ का यह कदम कंपनी की एक बड़ी रणनीतिक बदलाव (strategic shift) का हिस्सा है। वे AI पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, खर्चों को कम कर रहे हैं और अपनी टीमों को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से पुनर्गठित (restructuring) कर रहे हैं। यह टेक इंडस्ट्री में हो रहे बड़े बदलावों (changes) को भी दिखाता है, जहाँ कंपनियां लगातार खुद को बदल रही हैं ताकि आगे बढ़ सकें।
क्या आपको लगता है कि यह कदम गूगल के लिए सही है? हमें कमेंट्स में बताएं!
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