कई बार जब हम लंबे समय तक बैठे रहते हैं और फिर अचानक उठते हैं, तो घुटनों से “कट-कट” या “क्लिक” जैसी आवाज सुनाई देती है। यह स्थिति सामान्य हो सकती है, लेकिन कुछ मामलों में यह स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है। इस लेख में हम इस आवाज के कारणों, इससे संबंधित स्वास्थ्य पहलुओं, और इसे कम करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
घुटनों से आवाज आने के कारण
- सिनोवियल द्रव में गैस बुलबुले: घुटनों के जोड़ों में सिनोवियल द्रव होता है, जो जोड़ों को चिकनाई प्रदान करता है। इस द्रव में गैस के छोटे-छोटे बुलबुले हो सकते हैं। जब आप घुटनों को मोड़ते या सीधा करते हैं, तो ये बुलबुले फट सकते हैं, जिससे “कट-कट” की आवाज उत्पन्न होती है। इसे “कैविटेशन” कहते हैं और यह आमतौर पर हानिरहित होता है।
- लिगामेंट्स या टेंडन्स का खिंचाव: घुटनों के आसपास के लिगामेंट्स या टेंडन्स हड्डियों पर रगड़ खा सकते हैं, जिससे क्लिकिंग या पॉपिंग की आवाज आ सकती है। यह तब होता है जब आप लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहते हैं और फिर हिलते हैं।
- कार्टिलेज का घिसना: उम्र बढ़ने या चोट के कारण घुटनों का कार्टिलेज घिस सकता है। इससे जोड़ों की सतह असमान हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप आवाज आ सकती है। यह स्थिति ऑस्टियोआर्थराइटिस का संकेत हो सकती है।
- मेनिस्कस टियर: मेनिस्कस, जो घुटने में एक कुशन का काम करता है, अगर क्षतिग्रस्त हो जाए, तो हलचल के दौरान आवाज उत्पन्न हो सकती है। यह दर्द और सूजन के साथ भी हो सकता है।
- पटेला (घुटने की चक्की) का गलत संरेखण: अगर घुटने की चक्की अपनी सही स्थिति से हट जाए, तो हड्डियों के बीच रगड़ से आवाज आ सकती है। इसे पटेलोफेमोरल पेन सिंड्रोम कहते हैं।
क्या यह चिंता का विषय है?
ज्यादातर मामलों में, घुटनों से आने वाली आवाज बिना दर्द के सामान्य होती है और चिंता की बात नहीं है। हालांकि, निम्नलिखित लक्षणों के साथ आवाज आने पर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए:
- दर्द या सूजन
- घुटने में अकड़न या गतिशीलता में कमी
- बार-बार लॉक होने या अटकने की समस्या
- चोट या पिछले ऑपरेशन का इतिहास
स्वास्थ्य पर प्रभाव
- सामान्य स्थिति: अगर आवाज बिना दर्द या अन्य लक्षणों के है, तो यह आमतौर पर जोड़ों की सामान्य गतिविधि का हिस्सा है और स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता।
- गंभीर स्थिति: अगर यह आवाज ऑस्टियोआर्थराइटिस, मेनिस्कस टियर, या अन्य जोड़ों की समस्या से संबंधित है, तो यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे जोड़ों की जकड़न, गतिशीलता में कमी, या पुराने दर्द का कारण बन सकता है।
इसे कम करने के उपाय
- नियमित व्यायाम: घुटनों को मजबूत करने के लिए लो-इम्पैक्ट व्यायाम जैसे साइकिलिंग, स्विमिंग, या योग करें। क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों को मजबूत करने से जोड़ों पर दबाव कम होता है।
- वजन नियंत्रण: अधिक वजन घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज घिस सकता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से वजन को नियंत्रित करें।
- सही मुद्रा: लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से बचें। हर 30-40 मिनट में उठकर हल्की सैर करें।
- जोड़ों की चिकनाई: ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे मछली, अखरोट) और पर्याप्त पानी पीने से जोड़ों को चिकनाई मिलती है।
- फिजियोथेरेपी: अगर आवाज के साथ दर्द या अकड़न है, तो फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें। वे जोड़ों को मजबूत करने और गतिशीलता बढ़ाने के लिए व्यायाम सुझा सकते हैं।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
- अगर आवाज के साथ दर्द, सूजन, या गतिशीलता में कमी हो।
- अगर घुटने बार-बार लॉक हो रहे हों या अस्थिर लगें।
- अगर आपको पहले कोई घुटने की चोट या सर्जरी हुई हो।
निष्कर्ष
घुटनों से “कट-कट” की आवाज आना ज्यादातर मामलों में सामान्य और हानिरहित होता है, लेकिन अगर यह दर्द या अन्य लक्षणों के साथ हो, तो यह जोड़ों की समस्या का संकेत हो सकता है। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, और सही मुद्रा अपनाकर इस समस्या को कम किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हों, तो समय रहते डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य में बड़ी समस्याओं से बचा जा सके।