“ज़ुबीन गार्ग़ का जीवन परिचय:

ज़ुबीन गार्ग़: संगीत की दुनिया का चमकता सितारा — जन्म से मौत तक का सफ़र Networth 70Cr

जन्म और प्रारंभिक जीवन ज़ुबीन गार्ग़

ज़ुबीन गार्ग़ का जन्म 18 नवम्बर 1972 को मेघालय के तुरा में हुआ। उनका असली नाम ज़ुबीन बोर्थोकुर (Zubeen Borthakur) था। ज़ुबीन बचपन से ही संगीत के प्रति बेहद संवेदनशील और उत्साही थे। उनके पिता कवि-गीतकार और माता गायिका थीं, इसलिए घर का वातावरण हमेशा कला और संस्कृति से भरा रहता था। छोटे शहर में जन्म होने के बावजूद, ज़ुबीन के मन में बड़े मंचों पर अपनी पहचान बनाने का सपना था। उन्होंने बचपन में ही स्थानीय कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं में गायकी करना शुरू किया। अपने प्रारंभिक वर्षों में ही उन्होंने संगीत की बारीकियाँ सीखना शुरू किया, ताकि एक दिन वे केवल असम या भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अपनी कला का जादू दिखा सकें।

संघर्ष और संगीत की राह

ज़ुबीन गार्ग़ का संगीत सफ़र आसान नहीं था। उनके संघर्ष ने ही उन्हें मजबूत बनाया। असम जैसे छोटे राज्य से होने के कारण उन्हें बड़े शहरों और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान पाने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। शुरुआती दिनों में उन्हें अक्सर मंचों की कमी, संसाधनों की कमी और भाषा व क्षेत्रीय सीमाओं की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन उनका जुनून और संगीत के प्रति समर्पण उन्हें हर कठिनाई से लड़ने की ताकत देता रहा। ज़ुबीन ने छोटे संगीत एल्बम और कार्यक्रमों से शुरुआत की और धीरे-धीरे अपने नाम को लोगों तक पहुँचाया। उनका पहला एल्बम Anamika उन्हें स्थानीय स्तर पर पहचान दिलाने में मददगार साबित हुआ।

हिट गाने और उपलब्धियाँ

ज़ुबीन गार्ग़ को वास्तविक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली फ़िल्म Gangster के गाने Ya Ali से। इस गाने ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। इसके बाद उन्होंने कई भाषाओं में लगभग 40 भाषाओं और बोलियों में गीत गाए। ज़ुबीन सिर्फ गायक नहीं थे; वे गीतकार, संगीतकार, अभिनेता और समाजसेवी भी थे। उनकी उपलब्धियाँ में कई पुरस्कार शामिल हैं, जैसे Filmfare Awards और regional music awards। उन्होंने लाइव कॉन्सर्ट्स और स्टेज शोज़ के माध्यम से भी अपनी कला को लाखों लोगों तक पहुँचाया। उनके गाने सिर्फ मनोरंजन नहीं थे, बल्कि उनके सुरों में भावनाओं और संस्कृति का प्रतिबिंब भी झलकता था।

निजी जीवन: पत्नी और बच्चे

ज़ुबीन गार्ग़ की शादी गरिमा सइकिया गार्ग़ से 2002 में हुई। गरिमा असम की फैशन डिजाइनर और क्रिएटिव आर्टिस्ट हैं। वे ज़ुबीन के संगीत सफ़र में हमेशा उनका साथ देती रही हैं। ज़ुबीन और गरिमा का एक पुत्र है, जिसका नाम गौतम गार्ग़ बताया गया है। ज़ुबीन परिवार के प्रति बहुत समर्पित थे और अपने बच्चे और पत्नी के लिए हमेशा समय निकालते थे। उन्होंने अपने निजी जीवन में भी कई सामाजिक कार्य किए और जरूरतमंदों की मदद में हमेशा आगे रहते थे।

नेट वर्थ और जीवनशैली

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज़ुबीन गार्ग़ की नेट वर्थ लगभग US$8 मिलियन (करीब ₹70 करोड़) थी। उनकी आय के मुख्य स्रोत प्लेबैक सिंगिंग, लाइव कॉन्सर्ट्स, म्यूजिक एल्बम्स, फ़िल्म प्रोजेक्ट्स और ब्रांड एन्डोर्समेंट्स थे। ज़ुबीन को लग्ज़री कारों और बाइक का शौक था। उनके पास BMW X5, Mercedes-Benz, Range Rover जैसी लग्ज़री कारें थीं। इसके अलावा वे पानी और स्कूबा डाइविंग के शौकीन थे, जो उनके जीवन के रोमांचक पहलुओं में से एक था।

मृत्यु का कारण और घटना

19 सितम्बर 2025 को सिंगापुर में North East India Festival के दौरान ज़ुबीन गार्ग़ की मृत्यु हुई। स्कूबा डाइविंग के दौरान उन्हें सांस लेने में कठिनाई हुई। तुरंत CPR किया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों के प्रयास असफल रहे। उनकी मृत्यु ने संगीत प्रेमियों, परिवार और पूरे भारत को स्तब्ध कर दिया। इस घटना ने यह भी याद दिलाया कि जीवन कितना अनिश्चित है, चाहे व्यक्ति कितना भी सफल क्यों न हो।

विरासत और प्रेरणा

ज़ुबीन गार्ग़ ने असम और पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति और संगीत को पूरे देश में पहचाना। उनके गाने, उनकी आवाज़, और उनका समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। उनके संगीत ने न केवल मनोरंजन किया बल्कि लोगों के दिलों को छूने का काम भी किया। ज़ुबीन गार्ग़ उपलब्धियाँ यह साबित करती हैं कि जुनून, संघर्ष और मेहनत से कोई भी व्यक्ति ऊँचाई तक पहुँच सकता है।

निष्कर्ष

ज़ुबीन गार्ग़ सिर्फ एक गायक नहीं थे, बल्कि एक प्रेरक व्यक्तित्व और सांस्कृतिक दूत थे। उनका जीवन संघर्ष, उपलब्धियाँ और परिवार के प्रति समर्पण हमें सिखाते हैं कि सफलता केवल नाम और पैसा कमाने में नहीं, बल्कि दिलों में जगह बनाने में है। उनकी अचानक हुई मृत्यु ने संगीत की दुनिया को एक गहरा नुकसान पहुँचाया, लेकिन उनका संगीत और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी। 

 

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