डीज़ल ट्रक को LNG में कैसे बदलें? पूरी प्रक्रिया, लागत और फायदे

डीज़ल की बढ़ती कीमतों और प्रदूषण के सख्त होते नियमों के बीच, ट्रक मालिक लगातार नए और सस्ते विकल्पों की तलाश में हैं। इन्हीं विकल्पों में से एक है LNG (लिक्विफाइड नेचुरल गैस), जो न सिर्फ डीज़ल से सस्ती है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बहुत बेहतर है।

अगर आप भी अपने डीज़ल ट्रक को LNG में बदलवाने की सोच रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए ही है। इसमें हम आपको पूरी प्रक्रिया, आने वाले खर्च और इससे जुड़े हर सवाल का जवाब देंगे।

Side Rear View of a Semi Truck fitted with LNG Fuel Tanks with a low angle view of the Nearside Tanks.

क्यों बदलें? डीज़ल पर LNG के बड़े फायदे

LNG में स्विच करने का फैसला सिर्फ़ डीज़ल का खर्च बचाने तक सीमित नहीं है। इसके कई और फायदे भी हैं:

सबसे ज़रूरी सवाल: खर्च कितना आएगा?

Semi truck refueling with tank for liquid natural gas (LNG).

यह सबसे पहला सवाल है जो हर ट्रक मालिक के मन में आता है। डीज़ल ट्रक को LNG में बदलवाने का शुरुआती खर्च ज़्यादा है।

यह रकम बेशक बड़ी है, लेकिन ईंधन पर होने वाली बचत को देखते हुए, ज़्यादातर ट्रक मालिक 2 से 3 साल के अंदर यह लागत वसूल कर लेते हैं।

कहाँ से करवाएँ? मान्यता प्राप्त कंपनियाँ और सेंटर

भारत में कई कंपनियाँ हैं जिन्हें भारी वाहनों के लिए LNG रेट्रोफिटमेंट किट बनाने और लगाने के लिए सरकारी एजेंसियों (जैसे ARAI) से मान्यता प्राप्त है। आपको हमेशा इन्हीं कंपनियों के अधिकृत डीलरों या सर्विस सेंटरों से संपर्क करना चाहिए। कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

सलाह: अपने क्षेत्र में अधिकृत सर्विस सेंटर का पता लगाने के लिए इन कंपनियों की वेबसाइट पर जाएँ या उनके कस्टमर केयर से सीधे संपर्क करें।

डीज़ल को LNG में बदलने की पूरी प्रक्रिया (Step-by-Step)

Semi truck with tank for compressed natural gas (CNG).

यह प्रक्रिया तकनीकी है और इसे सिर्फ़ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सेंटर पर ही करवाना चाहिए। इसके मुख्य चरण इस प्रकार हैं:

1. सही रेट्रोफिटमेंट सेंटर ढूंढना: सबसे पहला और ज़रूरी कदम ऊपर बताई गई किसी कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर को खोजना है। कभी भी किसी लोकल या गैर-प्रमाणित मैकेनिक से यह काम न कराएँ।

2. गाड़ी की जांच: सर्विस सेंटर पर आपके ट्रक के इंजन और चेसिस की पूरी जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गाड़ी इस रूपांतरण के लिए फिट है या नहीं।

3. LNG किट लगाना: जांच के बाद, ट्रक में LNG किट लगाई जाती है। इसमें मुख्य रूप से ये हिस्से होते हैं:

4. RTO और दस्तावेज़ीकरण: किट लग जाने के बाद, सबसे ज़रूरी काम RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) में दस्तावेज़ अपडेट करवाना है। रेट्रोफिटमेंट सेंटर इसमें आपकी मदद करता है। आपके ट्रक के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) में ईंधन के प्रकार को “डीज़ल” से बदलकर “डीज़ल + LNG” (डुअल फ्यूल) करवाया जाता है।

ज़रूरी दस्तावेज़

RTO प्रक्रिया के लिए आपको इन दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ेगी:

सुरक्षा सबसे पहले

LNG पूरी तरह से सुरक्षित ईंधन है। इसके टैंक बहुत मज़बूत होते हैं और इन्हें हर तरह के सुरक्षा मानकों पर परखा जाता है। फिर भी, हमेशा मान्यता प्राप्त सेंटर से ही सर्विस कराएँ और किसी भी तरह की लीकेज या समस्या होने पर तुरंत विशेषज्ञ को दिखाएँ।

निष्कर्ष

डीज़ल ट्रक को LNG में बदलना एक बड़ा निवेश ज़रूर है, लेकिन भविष्य के लिए यह एक समझदारी भरा फैसला है। इससे न केवल आप ईंधन पर होने वाले खर्च को कम कर सकते हैं, बल्कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी अपना योगदान दे सकते हैं। अगर आप लंबी दूरी के लिए अपने ट्रक का इस्तेमाल करते हैं, तो LNG आपके लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

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