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सावन मास में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कैसे करें?

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: mahakaleshwar temple

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन: सावन मास में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व है। इनमें से एक अत्यंत पवित्र और प्रमुख ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है और जिसे ‘स्वयंभू’ माना जाता है, यानी यह स्वयं प्रकट हुआ है।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: एक परिचय

मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर अपनी भस्म आरती के लिए विश्व प्रसिद्ध है, जो प्रतिदिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है। महाकालेश्वर को ‘काल के देवता’ के रूप में पूजा जाता है और ऐसी मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

सावन मास में महाकालेश्वर दर्शन का महत्व

सावन मास में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन और जलाभिषेक का विशेष महत्व है। इस दौरान लाखों भक्त दूर-दूर से यहाँ आकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार को यहाँ विशेष शोभायात्रा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, जिससे पूरा उज्जैन शहर भक्तिमय हो जाता है। सावन में भस्म आरती का अनुभव करना एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव होता है।

महाकालेश्वर कैसे पहुँचें?

उज्जैन (महाकालेश्वर) पहुँचने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं:

सावन में दर्शन के लिए तैयारी

सावन मास में महाकालेश्वर में भक्तों की भारी भीड़ होती है, खासकर सोमवार और भस्म आरती के लिए। इसलिए पहले से तैयारी करना महत्वपूर्ण है:

दर्शन के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

आस-पास के दर्शनीय स्थल

महाकालेश्वर दर्शन के साथ आप आसपास के कुछ अन्य महत्वपूर्ण स्थलों का भी भ्रमण कर सकते हैं:

आइए, इस सावन मास में हम सभी:

सावन 2025 का यह पवित्र महीना आपके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और अपार भक्ति लाए। हर हर महादेव!

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