सावन मास का महीना भगवान शिव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान भगवान शिव अपनी ससुराल गए थे और उनका अभिषेक किया गया था, जिससे उन्हें ‘नीलकंठ’ कहा जाने लगा। यह महीना हमें प्रकृति के साथ जुड़ने और उसके नवजीवन का जश्न मनाने का अवसर भी देता है। चारों ओर फैली हरियाली और वर्षा की बूँदें हमें जीवन के चक्र और ईश्वर की अनंत कृपा का स्मरण कराती हैं।
सावन मास में प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ के दर्शन कैसे करें?
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति का सबसे पावन समय होता है। इस दौरान देश के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व है। इनमें से प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर, गुजरात में स्थित है, जिसके दर्शन से भक्तों को असीम पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानें सावन मास में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन की पूरी जानकारी:
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग: एक परिचय
गुजरात के वेरावल के पास प्रभास पाटन में स्थित सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला माना जाता है। यह मंदिर अरब सागर के तट पर स्थित है और इसका इतिहास कई बार विध्वंस और पुनर्निर्माण का साक्षी रहा है, जो इसकी अविनाशी आस्था का प्रतीक है।
सावन मास में सोमनाथ दर्शन का महत्व
सावन मास में सोमनाथ के दर्शन और जलाभिषेक करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इस दौरान मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान किए जाते हैं, जिससे वातावरण और भी भक्तिमय हो जाता है। सावन के सोमवार को यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
सोमनाथ कैसे पहुँचें?
सोमनाथ पहुँचने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं:
- हवाई मार्ग (By Air): सबसे निकटतम हवाई अड्डा दीव (Diu) है, जो सोमनाथ से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। राजकोट हवाई अड्डा (लगभग 200 किमी) और अहमदाबाद हवाई अड्डा (लगभग 400 किमी) भी विकल्प हैं, जहाँ से आप टैक्सी या बस ले सकते हैं।
- रेल मार्ग (By Train): सोमनाथ का अपना रेलवे स्टेशन है, जो वेरावल रेलवे स्टेशन (लगभग 7 किमी) से जुड़ा हुआ है। वेरावल एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है जो देश के कई बड़े शहरों से जुड़ा है।
- सड़क मार्ग (By Road): गुजरात के प्रमुख शहरों और पड़ोसी राज्यों से सोमनाथ के लिए अच्छी सड़क कनेक्टिविटी है। राज्य परिवहन की बसें और निजी टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हैं।
सावन में दर्शन के लिए तैयारी
सावन मास में सोमनाथ में भक्तों की भारी भीड़ होती है, खासकर सोमवार को। इसलिए पहले से तैयारी करना महत्वपूर्ण है:
- भीड़ की उम्मीद: सावन में मंदिर में अत्यधिक भीड़ होती है। दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े रहने के लिए तैयार रहें।
- वस्त्र: मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए शालीन वस्त्र पहनें। पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी या सलवार-कमीज उपयुक्त माने जाते हैं।
- पूजा सामग्री: मंदिर के बाहर पूजा सामग्री की दुकानें उपलब्ध होती हैं, जहाँ से आप बेलपत्र, फूल, दूध, जल आदि खरीद सकते हैं।
- आवास: यदि आप रात रुकने की योजना बना रहे हैं, तो होटल या धर्मशाला में अग्रिम बुकिंग कर लें, क्योंकि सावन में उपलब्धता कम हो सकती है।
- स्थानीय परिवहन: मंदिर परिसर और आसपास घूमने के लिए ऑटो-रिक्शा आसानी से मिल जाते हैं।
दर्शन के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- कतारें: व्यवस्थित कतारों का पालन करें और शांति बनाए रखें।
- सुरक्षा: मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते हैं। सुरक्षा कर्मियों का सहयोग करें।
- मोबाइल/कैमरा: मंदिर के अंदर मोबाइल फोन और कैमरे ले जाने की अनुमति नहीं होती है। इन्हें लॉकर में सुरक्षित रखें।
- शांत रहें: भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए शांति और भक्ति का माहौल बनाए रखें।
आस-पास के दर्शनीय स्थल
सोमनाथ दर्शन के साथ आप आसपास के कुछ अन्य महत्वपूर्ण स्थलों का भी भ्रमण कर सकते हैं:
- त्रिवेणी संगम: हिरण, कपिला और सरस्वती नदियों का संगम स्थल।
- भालका तीर्थ: वह स्थान जहाँ भगवान कृष्ण को एक शिकारी का बाण लगा था।
- गीता मंदिर: भगवान कृष्ण को समर्पित एक सुंदर मंदिर।
आइए, इस सावन मास में हम सभी:
- भगवान शिव की भक्ति में लीन हों।
- प्रकृति का सम्मान करें और उसके साथ सामंजस्य स्थापित करें।
- अपने मन को शुद्ध करें और सकारात्मक विचारों से भरें।
- दूसरों के प्रति दया और प्रेम का भाव रखें।
सावन 2025 का यह पवित्र महीना आपके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और अपार भक्ति लाए। हर हर महादेव!