5 सितंबर का इतिहास अपने आप में बहुत खास है क्योंकि इस दिन दुनिया ने राजनीतिक बदलाव, खेलों की जीत, वैज्ञानिक उपलब्धियाँ, और दुखद घटनाएँ देखी हैं। भारत के लिए यह दिन और भी खास बनता है क्योंकि इसी दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर का इतिहास हमें यह दिखाता है कि कैसे एक ही तारीख़ इंसानियत, संघर्ष और प्रगति की अलग-अलग कहानियाँ समेटे हुए है।
अंतर्राष्ट्रीय दान दिवस – मदर टेरेसा की याद
5 सितंबर का इतिहास हमें यह भी बताता है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2012 में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय दान दिवस घोषित किया। इस दिन का चयन इसलिए किया गया क्योंकि 5 सितंबर को ही मदर टेरेसा का निधन हुआ था। मदर टेरेसा ने अपनी पूरी ज़िंदगी गरीबों और ज़रूरतमंदों की सेवा में लगा दी। इसीलिए 5 सितंबर का इतिहास आज भी पूरी दुनिया को दान और सेवा का महत्व सिखाता है।
प्रथम कॉन्टिनेंटल कांग्रेस (1774)
5 सितंबर का इतिहास हमें यह भी याद दिलाता है कि 1774 में अमेरिका की 13 कॉलोनियों के प्रतिनिधि फिलाडेल्फ़िया में इकट्ठा हुए थे। इसे ही प्रथम कॉन्टिनेंटल कांग्रेस कहा जाता है। यह वह पल था जब अमेरिकी उपनिवेशों ने पहली बार ब्रिटिश शासन के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाई। 5 सितंबर का इतिहास इस घटना के बिना अधूरा है क्योंकि यही अमेरिकी स्वतंत्रता की नींव थी।
टेक्सास का पहला राष्ट्रपति चुनाव (1836)
5 सितंबर का इतिहास यह भी दर्ज करता है कि 1836 में सैम ह्यूस्टन टेक्सास गणराज्य के पहले राष्ट्रपति चुने गए। यह घटना अमेरिका के राजनीतिक इतिहास का बड़ा अध्याय है। टेक्सास की स्वतंत्रता और उसकी पहचान को मजबूत करने में यह चुनाव मील का पत्थर साबित हुआ।
मुहम्मद अली की ओलंपिक जीत (1960)
5 सितंबर का इतिहास खेलों के क्षेत्र में भी सुनहरा है। इसी दिन 1960 में रोम ओलंपिक में कैसियस क्ले (बाद में मुहम्मद अली) ने बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक जीता था। यह उनकी जिंदगी का पहला बड़ा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान था जिसने उन्हें आगे चलकर “द ग्रेटेस्ट” बना दिया। 5 सितंबर का इतिहास इस जीत को हमेशा प्रेरणा के रूप में याद करता है।
म्यूनिख नरसंहार (1972)
5 सितंबर का इतिहास अपने साथ दुखद घटनाएँ भी लाता है। 1972 में जर्मनी के म्यूनिख ओलंपिक खेलों के दौरान ब्लैक सितंबर नामक आतंकी संगठन ने इज़राइली खिलाड़ियों को बंधक बना लिया। इस हमले में 11 खिलाड़ियों की मौत हो गई। यह घटना खेल जगत के लिए सबसे भयावह यादों में से एक है। इसलिए 5 सितंबर का इतिहास हमें आतंकवाद की कड़वी सच्चाई से भी रूबरू कराता है।
वॉयेजर-1 का प्रक्षेपण (1977)
5 सितंबर का इतिहास विज्ञान और अंतरिक्ष की उपलब्धियों के लिए भी याद किया जाता है। इसी दिन नासा ने वॉयेजर-1 अंतरिक्ष यान लॉन्च किया। यह यान आज भी अंतरिक्ष की गहराइयों में सफर कर रहा है और इंसान द्वारा बनाया गया सबसे दूर जाने वाला यान बन चुका है। 5 सितंबर का इतिहास इस उपलब्धि को मानव सभ्यता की सबसे बड़ी वैज्ञानिक छलांगों में गिनता है।
राष्ट्रपति फोर्ड पर हमला (1975)
5 सितंबर का इतिहास राजनीति में भी कई चौंकाने वाले पन्ने जोड़ता है। 1975 में अमेरिका के राष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड पर हत्या का प्रयास हुआ, हालांकि वह हमले से सुरक्षित बच गए। यह घटना दिखाती है कि कैसे राजनीति और सत्ता हमेशा जोखिम से जुड़ी रहती है।
अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ
- 1882 में न्यूयॉर्क में पहली लेबर डे परेड हुई।
- 1906 में अमेरिकी फुटबॉल में पहला कानूनी फॉरवर्ड पास खेला गया।
- 1944 में बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग ने मिलकर बेनिलक्स यूनियन बनाई।
- 1957 में जैक केरुआक की मशहूर किताब “On the Road” प्रकाशित हुई।
ये सभी घटनाएँ 5 सितंबर के इतिहास को और भी विविध और यादगार बनाती हैं।
भारत में शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) :
भारत के लिए 5 सितंबर का इतिहास बेहद खास है क्योंकि इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक थे। उनकी जयंती को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन छात्र अपने गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। 5 सितंबर का इतिहास इस परंपरा को भारत की शिक्षा संस्कृति से जोड़ता है।
ईद मिलाद-उन-नबी (2025)
5 सितंबर का इतिहास धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। साल 2025 में इसी दिन ईद मिलाद-उन-नबी मनाई गई। यह दिन इस्लाम धर्म के पैग़ंबर हज़रत मोहम्मद साहब की जयंती के रूप में माना जाता है। इस तरह 5 सितंबर का इतिहास धार्मिक विविधता का प्रतीक भी है।
5 सितंबर का इतिहास हमें बताता है कि एक ही तारीख़ कितनी अलग-अलग घटनाओं का गवाह हो सकती है। कहीं यह मानवता और सेवा की मिसाल पेश करता है, कहीं यह खेल और विज्ञान की जीत दिखाता है, और कहीं यह हमें दुखद हादसों और संघर्षों की याद दिलाता है। भारत में यह दिन हमेशा खास रहेगा क्योंकि यह शिक्षक दिवस से जुड़ा हुआ है। कुल मिलाकर, 5 सितंबर का इतिहास इंसानियत, शिक्षा, विज्ञान और संघर्ष की अमर गाथा है।