18 सितंबर 2025 को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया (Election Process) को सिस्टमेटिक तरीके से कमजोर किया जा रहा है और लाखों वोटर लिस्ट से नाम (Voter List Deletion) हटाए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने इसको “Vote Chori Factory” कहा और चेतावनी दी कि यह तो शुरुआत है, असली “Hydrogen Bomb” खुलासा अभी बाकी है।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
1. वोट चोरी का दावा (Vote Chori)राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वोटर्स के नाम लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। यह सब “software और fake apps” के ज़रिए किया जा रहा है।2. कर्नाटक का उदाहरण (Aland Case)उन्होंने कर्नाटक के Aland Assembly Constituency का उदाहरण दिया, जहाँ 6,018 वोट्स फर्जी तरीके से डिलीट करने की कोशिश हुई। एक बूथ लेवल अधिकारी ने यह पकड़ लिया।3. चुनाव आयोग पर निशाना (Election Commission)राहुल ने कहा कि Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar इस पूरे मामले पर कार्रवाई नहीं कर रहे।उन्होंने मांग की कि आयोग को चाहिए कि वह Phone numbers, OTPs, IP addresses और software data सार्वजनिक करे।4. लोकतंत्र पर खतराराहुल का कहना था कि यदि वोटरों को ही लिस्ट से हटा दिया जाए, तो लोकतंत्र का आधार ही खत्म हो जाएगा।5. Hydrogen Bomb वाला इशाराउन्होंने कहा कि यह खुलासा तो बस एक माइलस्टोन है, आगे और बड़ा धमाका (Hydrogen Bomb) होगा।
राजनीतिक महत्व (Political Significance) :
यह आरोप चुनावी प्रक्रिया की Credibility पर सवाल खड़ा करता है।अगर ये साबित होते हैं तो यह भारत के लोकतंत्र के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला माना जा सकता है।विपक्ष (Congress और सहयोगी दल) इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं।
के लिए बड़े सवालक्या सच में लाखों वोटर्स के नाम हटाए गए हैं?क्या Election Commission of India (ECI) इस पर पारदर्शी जांच करेगा?राहुल गांधी का अगला “Hydrogen Bomb” कितना बड़ा सबूत लेकर आएगा?
राहुल गांधी की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं, बल्कि चुनावी पारदर्शिता पर सीधा सवाल है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग क्या कदम उठाता है और विपक्ष इस मुद्दे को कैसे चुनावी अभियान में इस्तेमाल करता है।