व्हाइट हाउस से ब्रेकिंग न्यूज़: इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने पेश किया व्यापक रोडमैप
वाशिंगटन डीसी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 29 सितंबर, 2025 को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गाजा के लिए 21-सूत्रीय शांति योजना की घोषणा करके वैश्विक कूटनीति में एक बड़ा कदम उठाया है। यह महत्वाकांक्षी प्रस्ताव लगभग दो साल से जारी इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने का लक्ष्य रखता है, लेकिन इसमें हमास के लिए एक सख्त चेतावनी भी शामिल है, जिससे दुनिया भर के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तीव्र प्रतिक्रियाएं और चर्चाएँ शुरू हो गई हैं।
योजना की मुख्य शर्तें और 72 घंटे का अल्टीमेटम
ट्रंप की इस 21-सूत्रीय योजना की सबसे महत्वपूर्ण मांग यह है कि हमास 72 घंटों के भीतर सभी बंधकों को रिहा करे। बदले में, इज़रायल गाजा से चरणबद्ध तरीके से वापसी करेगा और गाजा पट्टी के पुनर्निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
यह योजना गाजा को ‘आतंकवाद मुक्त क्षेत्र’ (deradicalized zone) के रूप में देखती है, जिसका प्रशासन एक अंतर्राष्ट्रीय बोर्ड के अधीन एक तकनीकी समिति (technocratic committee) द्वारा किया जाएगा। इस बोर्ड की अध्यक्षता स्वयं ट्रंप करेंगे, जिसमें पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर जैसे प्रमुख वैश्विक हस्तियों को शामिल करने की परिकल्पना की गई है।
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और क्षेत्रीय सहमति
इस योजना को इज़रायल द्वारा तुरंत समर्थन मिला है। इसके अलावा, सऊदी अरब, जॉर्डन और मिस्र सहित कई प्रमुख अरब राष्ट्रों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। क्षेत्रीय समर्थन ने इस योजना को एक मजबूत राजनयिक आधार प्रदान किया है, जिससे इस बात की संभावना बढ़ गई है कि यह जमीन पर कुछ बदलाव ला सकती है।
ट्विटर पर ट्रेंडिंग: #TrumpPeaceDeal और विभाजित राय
जैसे ही व्हाइट हाउस से यह खबर प्रसारित हुई, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (जिसे अब X कहा जाता है) पर यह तुरंत ट्रेंड करने लगा। #TrumpPeaceDeal, #Gaza21Points, और #HamasUltimatum जैसे हैशटैग टॉप पर छा गए।
- समर्थक: ट्रंप के समर्थकों और इज़रायली पक्ष ने इस योजना को युद्ध को समाप्त करने और गाजा में स्थिरता लाने के लिए एक साहसिक और आवश्यक कदम बताया। उन्होंने ट्रंप और नेतन्याहू के नेतृत्व की प्रशंसा की।
- आलोचक: वहीं, कई विश्लेषकों और फिलिस्तीनी समर्थक आवाजों ने इसे एकतरफा और हमास पर अनुचित दबाव डालने वाला बताया। उन्होंने इस बात पर सवाल उठाया कि क्या गाजा में स्थायी शांति के लिए फिलिस्तीनी प्राधिकरण या स्थानीय प्रतिनिधियों को पर्याप्त भूमिका दी गई है।
ट्विटर पर चल रही बहस बेहद तीखी है, जिसमें वैश्विक राजनेता, पत्रकार और आम नागरिक इस बात पर अपनी राय दे रहे हैं कि 72 घंटे का अल्टीमेटम क्या क्षेत्र में शांति लाएगा या संघर्ष को और बढ़ाएगा।
हमास के लिए कड़ी चेतावनी
शांति प्रस्ताव का सबसे कठोर हिस्सा हमास के लिए स्पष्ट चेतावनी है। योजना में कहा गया है कि यदि हमास इस प्रस्ताव को अस्वीकार करता है, तो अमेरिका, समूह को सैन्य रूप से खत्म करने के लिए इज़रायल को पूर्ण समर्थन प्रदान करेगा। यह चेतावनी स्पष्ट रूप से इस बात का संकेत देती है कि अमेरिका अब संघर्ष को अनिश्चित काल तक जारी नहीं रहने देना चाहता है।
अब सबकी निगाहें हमास के जवाब पर टिकी हैं। क्या वे बंधकों को रिहा कर सकते हैं और एक तकनीकी प्रशासन के तहत गाजा के भविष्य को स्वीकार कर सकते हैं, या इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर एक नए सैन्य टकराव को न्योता देंगे? आने वाले 72 घंटे मध्य पूर्व की राजनीति में निर्णायक साबित हो सकते हैं।