ओडिशा के पुरी में श्री जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा के दौरान रविवार, 29 जून 2025 की सुबह हुई भगदड़ ने लाखों श्रद्धालुओं के दिलों को दहला दिया। यह वार्षिक उत्सव, जो भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को समर्पित है, भक्तों के उत्साह और भक्ति के लिए जाना जाता है। हालांकि, इस साल उत्सव एक दुखद घटना का गवाह बना, जिसमें 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए।
पुरी रथ यात्रा घटना का विवरण:
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना रविवार की सुबह लगभग 4:00 से 4:30 बजे के बीच श्री गुंडिचा मंदिर के सामने “शरधाबली” क्षेत्र में हुई। भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों वाले तीनों रथ शनिवार दोपहर 1:30 बजे गुंडिचा मंदिर पहुँच गए थे, और देवताओं को रथों पर ही रात भर रखा गया था। “पहाड़ा” अनुष्ठान, जो आमतौर पर दिन में होता है, इस बार तड़के 1:30 बजे से 2:00 बजे के बीच आयोजित किया गया। खबर फैलते ही, बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवताओं के दर्शन के लिए उमड़ पड़े।
दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया, जिससे धक्का-मुक्की और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कुछ लोग भीड़ में गिर गए, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। इस दौरान तीन श्रद्धालुओं – बोलागढ़ की बसंती साहू (42), बालीपटना के प्रेमकांत मोहंती (78) और बालीपटना की प्रभाती दास (52) – की भीड़ में दबकर मौत हो गई। सभी मृतक खुर्दा जिले के बताए जा रहे हैं।
प्रतिक्रिया और आरोप
पुरी रथ यात्रा के दौरान हुए घायलों को तुरंत पुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनमें से छह की हालत गंभीर बताई गई। एक पीड़ित के पति ने अधिकारियों पर खराब आपातकालीन प्रतिक्रिया का आरोप लगाया, उनका कहना था कि घटना के समय कोई भी बचाव दल या अग्निशमन अधिकारी मौजूद नहीं था। कुछ चश्मदीदों ने भी भीड़ प्रबंधन में कई खामियों का आरोप लगाया, जिसमें VIPs के लिए एक नया रास्ता बनाना और आम लोगों को दूर से निकलने के लिए कहना शामिल था, जिससे भीड़ और बढ़ गई। उन्होंने ट्रैफिक प्रबंधन को भी एक मुद्दा बताया, क्योंकि अनाधिकृत पास वाले कई वाहन मंदिर के पास आ गए थे।
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने घटना पर दुख व्यक्त किया और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस महानिदेशक (DGP) को स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर भेजा गया है।
सीख और आगे का रास्ता
पुरी रथ यात्रा में यह दुखद घटना भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों की समीक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। रथ यात्रा जैसे बड़े आयोजनों में, जहां लाखों लोग इकट्ठा होते हैं, हर पहलू पर सावधानीपूर्वक योजना और निष्पादन आवश्यक है। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करना होगा कि भविष्य में ऐसे आयोजन सुरक्षित और सुचारू रूप से संपन्न हों, ताकि भक्तों की आस्था और उत्साह सुरक्षित रहे। यह समय है कि हम इस दुखद घटना से सीखें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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